योग एक प्राचीन प्रथा है जो हजारों वर्षों से भारत में उत्पन्न हुई है। यह एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अनुशासन है जिसका उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। योग के कई प्रकार हैं, लेकिन हठ योग सबसे लोकप्रिय में से एक है। हठ योग में आसनों या मुद्राओं का अभ्यास शामिल है। 84 बुनियादी हठ योग आसन हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने फायदे हैं।
84 आसन मुद्राओं का एक व्यापक समूह हैं जो अभ्यासी को अनेक लाभ प्रदान करते हैं। प्रत्येक आसन का अपना विशिष्ट उद्देश्य और लाभ होता है, और जब नियमित रूप से अभ्यास किया जाता है, तो वे लचीलेपन, शक्ति, संतुलन और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। Asanas
84 आसन और नाम | 84 Asana list
84 आसन (योग मुद्राएं) हठ योग परंपरा का हिस्सा हैं और विभिन्न प्राचीन ग्रंथों में सूचीबद्ध हैं। यहां 84 आसनों के नाम दिए गए हैं:
- सिद्धासन
- पद्मासन
- उत्कटासन
- गरुड़ासन
- वृक्षासन
- मयूरासन
- शवासन
- तोलासन
- मंडूकासन
- भद्रासन
- सिद्ध योनि आसन
- मत्स्यासन
- गोमुखासन
- सिंहासन
- मृतासन
- गोरक्षासन
- कुक्कुटासन
- उत्तानकुर्मासन
- धनुरासन
- पिंडासन
- सामना
- सिद्ध कुर्मासन
- मत्स्येन्द्रासन
- गोरक्षासन II
- पार्श्वभंग
- वीरासन
- कमलासन
- स्वस्तिकासन
- योगासनों
- कुर्मासन
- कंडापासन
- बद्ध पद्मासन
- सिंहासन द्वितीय
- मुक्तापाद शीर्षासन
- उत्ताना पादासन
- संकटासन
- पद्म मयूरासन
- उत्तानमंडूकासन
- शीर्षासन
- मंडुका शीर्षासन
- शलभासन
- मुक्त हस्त शीर्षासन
- हंसासन
- बकासन
- हंसपादासन
- ऊर्ध्व पद्मासन
- चकोरासन
- सवासन द्वितीय
- कपालासन
- उत्ताना कुर्मासन II
- गर्भासन
- क्षेमसन
- कुक्कुटासन II
- मत्स्येन्द्रासन II
- वातायन आसन
- गजासन
- बकासन II
- पिंचा मयूरासन
- वृश्चिकासन
- हनुमानासन
- टिटिभासन
- पासासन
- भैरवासन
- महा मुद्रा
- सिद्धासन II
- योगनिद्रासन
- अदवासन
- हनुमना पासासन
- पर्यांकासन
- पाषासन
- कर्ण पीडासन
- काली रायसन
- उर्ध्व कुक्कुटासन
- मंडुका दंडासन
- उत्ताना मंडूकासन II
- निरालम्बा शीर्षासन
- एकपाद शीर्षासन
- योगनिद्रासन II
- तोलांगुलासन
- विपरीत करणी
- द्वि पाद शीर्षासन
- सुप्त ऊर्ध्व पाद वज्रासन
- उत्थिता पद्मासन
- विरांच्यासन
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