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नमस्कार दोस्तो स्वागत है मेरे आज के इस पोस्ट मे जिसका नाम है सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम। सुर्य नमस्कार योग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अभ्यास है। इस अभ्यास में, हम अपने शरीर को ढीला करते हुए एक से अधिक आसनों का उपयोग करते हैं जो सूर्य के प्रतिनिधित्व में होते हुए अभ्यास किए जाते हैं सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम होते हैं जो निम्नलिखित हैं:

सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम

  1. प्रणामासन (Pranamasana)
  2. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana)
  3. पादहस्तासन (Padahastasana)
  4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)
  5. दण्डासन (Dandasana)
  6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskar)
  7. भुजंगासन (Bhujangasana)
  8. पर्वतासन (Parvatasana):
  9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)
  10. पादहस्तासन (Padahastasana)
  11. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana)
  12. तड़ासन (Tadasana)

सूर्य नमस्कार के 12 आसन

प्रत्येक आसन को सही ढंग से अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इन आसनों को सही ढंग से अभ्यास करने से शरीर के लिए अनेक फायदे होते हैं, जैसे कि शारीरिक क्षमता बढ़ती है, तनाव कम होता है और मानसिक स्थिति भी सुधरती है। सूर्य नमस्कार के अभ्यास से हम अपने शरीर

को बलशाली बनाते हैं, श्वसन तंत्र को सुधारते हैं, पाचन तंत्र को ठीक करते हैं और मस्तिष्क को शांत करते हैं। सूर्य नमस्कार के अभ्यास से हम शरीर, मन और आत्मा को संतुलित कर सकते हैं जो हमें एक निरोगी और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है।

इसलिए, सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से अभ्यास करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि आप नए हैं और सूर्य नमस्कार के अभ्यास में शामिल होना चाहते हैं, तो एक योग गुरु से सलाह लेना सर्वोत्तम होगा। उन्हें आपको सही ढंग से आसनों का अभ्यास करने के लिए बताएंगे और योग के अन्य फायदों के बारे में भी बताएंगे।

ध्यान रखें, सूर्य नमस्कार के अभ्यास से पहले थोड़ा समय लेकर शरीर को गर्म करना और श्वास-विसर्ग को सही ढंग से करना चाहिए। आसनों को सही ढंग से करने से आपको अधिक फायदे मिलेंगे। सूर्य नमस्कार को रोजाना अभ्यास करने से आपको शारीरिक और मानसिक स्थिरता मिलेगी और आपका जीवन निरोगी और स्वस्थ रहेगा। आइये जानते है सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम

यहाँ सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम और उनकी विस्तृत जानकारी हैं:

1. प्रणामासन (Pranamasana):

प्रणामासन शुरुआती आसन होता है जो ध्यान को संग्रहित करने में मदद करता है। इस आसन में हम पैरों को जोड़कर खड़े होते हैं और आंखें बंद करते हैं।

2. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana):

हस्त उत्तानासन में हम अपने हाथों को उठाते हैं और अपने सिर को पीछे करते हुए अगले आसन में चलते हैं। यह आसन हमारी रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करता है और हमारी श्वसन तंत्र को सुधारता है।

3. पादहस्तासन (Padahastasana):

पादहस्तासन में हम अपने पैरों को थोड़ा फैलाकर उन्हें छुआने की कोशिश करते हैं। यह आसन हमारी तंगों, पेट और पीठ की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है।

4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana):

अश्वासन में हम एक पैर को आगे बढ़ाते हैं और दूसरे पैर को पीछे रखते हुए आगे की ओर जाते हैं। यह आसन हमारी श्वसन तंत्र को सुधारता है और हमारी हड्डियों को स्ट्रेच करता है।

5. दण्डासन (Dandasana):

दण्डासन में हम अपने पैरों को सीधा करके बैठते हैं। इस आसन से हमारी कमर, पीठ, तंगे और शरीर का सीधापन बढ़ता है।

6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskar):

अष्टांग नमस्कार में हम अपने सिर, छाती और जोड़ी को नीचे ले जाते हैं और अपने शरीर को नीचे ले जाते हुए तलवों, जोड़ियों और छाती को फ्लोर पर टच करते हैं। यह आसन हमारे शरीर की ताकत को बढ़ाता है।

7. भुजंगासन (Bhujangasana):

भुजंगासन में हम अपने पेट को फ्लोर पर लेटते हैं और फिर अपने सर्प यानि बेल के समान ऊपर उठते हुए अपने शरीर को ऊपर करते हैं। यह आसन हमारी कमर, पीठ, हड्डियों और नसों को स्ट्रेच करता है और हमारी दिल की सेहत को सुधारता है।

8. पर्वतासन (Parvatasana):

पर्वतासन में हम अपने सांस छोड़ते है और अपने कूल्हों को ऊपर और पीछे उठाते है, जिससे एक उल्टा वी-शेप बनता है। यह आसन हमारी कमर, पीठ और टांगो को स्ट्रेच करता है और हमारे हृदय नलिका को शुद्ध करता है।

9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana):

अष्टवक्रासन एक थोड़ा मुश्किल आसन है जिसमें हम अपने शरीर को बाएं हाथ से पकड़कर बाएं तांग के पास ले जाते हैं और फिर दाहिने हाथ से उठाकर अपने शरीर को उच्च करते हैं। यह आसन हमारी कमर, पीठ और हड्डियों को स्ट्रेच करता है और हमारे शरीर के ताकत को बढ़ाता है।

10. पादहस्तासन (Padahastasana):

पादहस्तासन में हम अपने पैरों को थोड़ा फैलाकर उन्हें छुआने की कोशिश करते हैं। यह आसन हमारी तंगों, पेट और पीठ की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है।

11. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana)

हस्त उत्तानासन में हम अपने हाथों को उठाते हैं और अपने सिर को पीछे करते हुए अगले आसन में चलते हैं। यह आसन हमारी रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करता है और हमारी श्वसन तंत्र को सुधारता है।

12. तड़ासन (Tadasana):

तड़ासन में हम खड़े होते हैं और अपने शरीर को सीधा रखते हुए अपने हाथों को ऊपर उठाते हुए अपने शरीर को ऊपर करते हैं। यह आसन हमारी कमर, पीठ और हड्डियों को स्ट्रेचकरता है और हमारे शरीर की ताकत को बढ़ाता है।

ये थे सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम जो हम समय-समय पर अपने दैनिक जीवन में अपना सकते हैं। ये आसन आपके शरीर को स्ट्रेच करते हैं, आराम देते हैं, मन को शांति देते हैं और आपके शरीर को ताकतवर बनाते हैं। सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करने से आपका शरीर सुगठित रहेगा और आपकी मानसिक तनाव कम होगा।

सूर्य नमस्कार के अलावा भी बहुत से योग आसन हैं जो आपके शरीर और मन के लिए फायदेमंद होते हैं। योग को नियमित रूप से करने से आप अपने शरीर और मन को स्वस्थ और सुगठित रख सकते हैं।

निष्कर्ष – सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम

इस लेख में हमने देखा सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम और यहाँ सूर्य नमस्कार के 12 आसन के नाम और उनकी विस्तृत जानकारी। सुर्य नमस्कार एक बहुत ही फायदेमंद योग आसन है, जो आपके शरीर और मन दोनों के लिए बेहद उपयोगी है। इसके 12 आसनों के माध्यम से आप अपने शरीर को स्ट्रेच कर सकते हैं, ताकत दे सकते हैं और आपको शांति भी दे सकते हैं। सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करने से आप अपने शरीर को स्वस्थ और सुगठित रख सकते हैं और मानसिक तनाव को कम कर सकते हैं। इसलिए, सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करना आपके शरीर और मन के लिए बेहद उपयोगी हो सकता है।

और पढे – सूर्य नमस्कार 12 आसन, मंत्र

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