नमस्कार मित्रो, आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी को कुछ न कुछ समस्या बनी रहती है, जैसे सिरदर्द, अनिद्रा, डिप्रेशन और कमजोर पाचन क्रिया। अगर आपको भी ऐसी कोई समस्या है तो घबराइए नहीं, हम आज आपको इस पोस्ट शीर्षासन के फायदे में बताएँगे की किस तरह आप शीर्षासन (Shirshasana) करके तनाव मुक्त जीवन जी सकते है
शीर्षासन का इतिहास । History of Shirshasana
शीर्षासन, जिसे हिंदी में “उल्टी खड़ासन” भी कहा जाता है, एक प्राचीन योगासन है जो शरीर को प्रदक्षिणा के विपरीत गति में लाता है। इस आसन को शरीर के ऊपरी अंगों को प्रमुखता देकर प्रदक्षिणा के विपरीत भाव में करने के लिए किया जाता है। इसे सबसे ऊपरी शिखर पर अड़े हुए माना जाता है, जिसके कारण इसे शीर्षासन कहा जाता है।
शीर्षासन का इतिहास बहुत प्राचीन है और योग के प्राचीन ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है। इसका प्रयोग भारतीय संस्कृति में विशेष रूप से किया जाता है। पुराणों में श्रीकृष्ण, पार्वती, और अन्य देवी-देवताओं को शीर्षासन करते हुए दिखाया गया है।
शीर्षासन के फायदे। Shirshasana Ke Fayde
- शीर्षासन से असमय सफ़ेद हुए बालो को फिर से काला किया जा सकता है, असमय झड़ते हुए बालो की रोका और उगाया जा सकता है। (Shirshasana ke Fayde)
- शरीर में गले से ऊपर आँख, नाक, कान, दिमाग, रोग में शीर्षासन से फायदा होता है, चेहरा सुन्दर, तेज और कांतिमय बनता है।
- शीर्षासन थॉयरॉइड ग्लेंड को सक्रिय कर के मोटापा और दुर्बलता (दुबलापन) दोनों रोगो को दूर करता है।
- अनिद्रा, अतिनिद्रा और अवसाद(डिप्रेशन) में शीर्षासन काफी फायदेमंद होता है।
- ब्रह्मचर्य पालन में शीर्षासन बहुत लाभदायक होता है, स्वप्नदोष, नपुंसकता, प्रमेह आदि धातुरोग को दूर करता है।
- अंत्रवृद्धि, आंत्रशोथ, हिस्टीरिया, अंडकोष-वृद्धि, हर्निया, कब्ज, आदि रोगो में शीर्षासन से फायदा होता है।
- दिमाग तेज करने के लिए शीर्षासन रामबाण है, स्मरण शक्ति, एकाग्रता के लिए शीर्षासन सब से अच्छा आसन है।
- शीर्षासन से टेढ़ी गर्दन सीधी हो जाती है,
- शीर्षासन से कमजोर नज़र, बहरापन, स्वाद न आना, सिरदर्द, आधासीसी, माइग्रेन आदि रोगो को आसानी से दूर किया जा सकता है।
- ऐसा माना जाता है तीन घंटे के अभ्यास से ये आसन सिद्ध हो जाता है और साधक मौत पर भी विजय प्राप्त कर लेता है( बिना गुरु के शीर्षासन को पांच से दस मिनट से ज्यादा न करे)
शीर्षासन कैसे करते हैं | Shirshasana ki Vidhi
- शीर्षासन करने तरीका यह है की पहले योग मेट या दरी लेकर बिछा ले, अब एक बड़े रुमाल या धोती लेकर गोलाकार गद्दी बना के रख ले, अब दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फसा ले, अब पंजे को कोहनी तक जमीन पर टिका ले, गद्दी को हाथो के बिच में रखे। steps of Shirshasana
- अब सिर का अगला हिस्सा गद्दी पर रखे, घुटने जमीन पर, अब धीरे-धीरे शरीर का वजन सिर और कोहनी पर डाले, बैलेंस बनाते हुए सिर से कमर तक रीढ़ को सीधा करने की कोशिश करें,
- अब एक घुटने को मोड़ते हुए और फिर दूसरे घुटने को मोड़ते हुए जमीन से ऊपर उठाये, अब क्रमश मुड़े हुए घुटनो को एक-एक करके आसमान की तरफ सीधा करने की कोशिश करे।
- शुरुआत में थोड़ा धैर्य रखे और सीधे हुए पेरो को थोड़ा सा पेट तरफ झुका के रखें, वरना गिरने का खतरा रहता है, जब ठीक अभ्यास हो जाए तब पैर बिलकुल सीधे रखे। चाहे तो शुरुआत के कुछ दिनों तक दिवार या किसी साथी की मदद ले सकते है।
- जिस क्रम से पेरो को ऊपर उठाया था उसी क्रम से वापस सामान्य अवस्था में लाना है।
- आँखे बंद रहे, सांस की गति सामान्य रहेगी।
- समय 15 सेकेंड से लेकर 5-10 मिनट तक कर सकते है।
- शीर्षासन के बाद शवासन करे या थोड़ी देर विश्राम करे, शीर्षासन के तुरंत बाद कठिन परिश्रम न करे।
शीर्षासन के नियम और सावधानियां | Shirshasana Precautions
- सर्दी-जुकाम, नजला होने पर शीर्षासन नहीं करना चाहिए
- हृदय रोग, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेसर) और कमर दर्द रोगियों को शीर्षासन नहीं करना चाहिए
- अगर कान बहते हो, कान में कोई रोग हो उन्हें ये आसन नहीं करना चाहिए।
- आँखों में ज्यादा लालिमा, पास का चश्मा लगा हो, आँखों में लैंस लगा हो उन्हें शीर्षासन नहीं करना चाहिए।
- भारी मेहनत, भरी व्यायाम, खेल-कूद, दौड़-भाग, करके तुरंत शीर्षासन नहीं करना चाहिये।
- शीर्षासन करते समय शरीर का तापमान सामान्य होना चाहिए।
- शीर्षासन सुबह फलदायक और रात में हानिकारक होता है। रात में शीर्षासन Shirshasana नहीं करना चाहिए।
- शीर्षासन हमेशा खली पेट करना चाहिए।
- जब साधक इस आसन का अभ्यास कर रहा हो उस अवधि में किसी भी प्रकार का नशा वर्जित है।
शीर्षासन क्या होता है? | What is the Shirshasana
शीर्ष का मतलब होता है “किसी वस्तु का ऊपरी भाग” या सिर। और सिर के बल खड़े होकर किये गए इस योग आसन को शीर्षासन कहते है, दूसरी और योगासन में इस योग को आसनो का राजा भी कहा जाता है। और शीर्ष यानि सबसे ऊपर होने की वजह से भी इसे शीर्षासन है
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सामान्यत कोई मनुष्य अपनी जिंदगी का ज्यादातर समय या तो खड़ा होता है, या बैठा होता है, या सो रहा होता है। उस अवस्था में खून हमारे शरीर के अन्य हिस्सों में गुरुत्वाकर्षण(gravity) के अनुरूप सहज कार्य करता है, परन्तु ऊपरी भाग में गुरुत्वाकर्षण के विपरीत कार्य करता है , जिस से उसे ऊपरी भाग में जाने में कठीनाई होती है।
शीर्षासन करते समय सिर निचे और बाकी शरीर ऊपर होता है जिस से खून मस्तिष्क में सही तरह से प्रवाह करता है, और दिमाग के सारे अंगो तक पहुंच जाता है। जिस से हमारा दिमाग सुचारु रूप से कार्य करने लगता है और कई तरह की बीमारिया ख़त्म होती है। शीर्षासन क्या होता है?
Shirshasana | FAQs’
- प्रश्न- क्या शीर्षासन बालो के लिए अच्छा होता है? is Shirshasana good for hair?
- उत्तर- हां / YES
- प्रश्न- क्या शीर्षासन आँखों के लिए अच्छा होता है? is Shirshasana good for eyes
- उत्तर-हां / YES
- प्रश्न- क्या जुकाम वालो को शीर्षासन करना चाहिए? Should people with colds do headstand?
- उत्तर- नहीं / NO
- प्रश्न- खाने के बाद शीर्षासन करना चाहिए? Should you do headstand after having a meal?
- उत्तर-खाना खाने के बाद शीर्षासन नहीं करना चाहिए / NO
- प्रश्न- क्या दिल का मरीज शीर्षासन कर सकता है? Can a heart patient do headstand?
- उत्तर-नहीं / NO
- प्रश्न- क्या मैं रात में शीर्षासन कर सकते है ? Can I Practice Shirshasana in the Evening?
- उत्तर-नहीं / NO
- प्रश्न- शीर्षासन कितने मिनट तक करना चाहिए? How long should one do Shirshasana?
- उत्तर- 5-10 मिनट / 5-10 MIN,
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