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नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे सूर्य नमस्कार कैसे करते है (Surya Namaskar) और सूर्य नमस्कार के 12 आसन और मंत्र के फायदे के बारे में।

दोस्तों जैसा की हम सब जानते है दुनिया भर मे लगातार आज कई बीमारियों ने लोगो को परेशान कर रखा है,और लोग अब अपने स्वास्थ के प्रति ज्यादा सजग रहने लगे है , योग, व्यायाम, ध्यान करने लगे है, ऐसे में सवाल आता है की किस तरह हम अपने पुरे शरीर और दिमाग को कम समय में स्वस्थ रख सकते है ? कई लोगो के पास समय की कमी होने के कारण जिम और योग केंद्र जाना संभव नहीं होता और वह चाहते है की घर रहकर ही कोई व्यायाम या आसन कर सके।

सूर्य नमस्कार 12 योगासनों की एक श्रृंखला है जो परंपरागत रूप से सुबह सूर्य का सम्मान करने और शरीर और मन को जगाने के लिए किया जाता है।

यह प्राचीन प्रथा हजारों साल पहले की है और भारत की वैदिक परंपरा में गहराई से निहित है। आज, सूर्य नमस्कार का अभ्यास दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा संपूर्ण कसरत के रूप में किया जाता है जो कई शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम सूर्य नमस्कार के इतिहास और महत्व के साथ-साथ इसके कई स्वास्थ्य लाभों और विविधताओं के बारे में जानेंगे। चाहे आप एक शुरुआती या एक उन्नत अभ्यासी हों, यह पोस्ट आपको अपने अभ्यास को गहरा करने और सूर्य नमस्कार की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव करने में मदद करने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि और सुझाव प्रदान करेगी। तो आइये हम आपको बताते है की सूर्य नमस्कार कैसे करते है

Surya Namaskar
Surya Namaskar

सुर्य नमस्कार का इतिहास । History Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार का इतिहास प्राचीन भारत में देखा जा सकता है, जहां सूर्य की पूजा के रूप में इसका अभ्यास किया जाता था। सूर्य, या संस्कृत में सूर्य को देवत्व और जीवन शक्ति का प्रतीक माना जाता था, और इसे प्रकाश और ऊर्जा का स्रोत माना जाता था।

सूर्य नमस्कार का सबसे पहला ज्ञात संदर्भ ऋग्वेद में पाया जा सकता है, जो हिंदू परंपरा के सबसे पुराने और सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक है, ऋग्वेद में, सूर्य को एक ऐसे देवता के रूप में पूजा जाता है जो अपने तेज से दुनिया को रोशन करते हैं और उनकी पूजा करने वालों को स्वास्थ्य, शक्ति और लंबी उम्र प्रदान करते हैं।

समय के साथ, सूर्य नमस्कार का अभ्यास शारीरिक व्यायाम और ध्यान के रूप में विकसित हुआ, क्योंकि योगियों ने शक्ति, लचीलापन और आध्यात्मिक जागरूकता पैदा करने के साधन के रूप में इस क्रम को अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करना शुरू कर दिया। आज, सूर्य नमस्कार का अभ्यास दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा एक पूर्ण योग अभ्यास के रूप में किया जाता है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है और समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है।

Surya Namaskar 12 Poses | सूर्य नमस्कार के 12 आसन

सूर्य नमस्कार के 12 आसन से पुरे शरीर का व्यायाम होता है, जिस से शरीर के सभी अंग क्रियाशील हो जाते है, स्वस्थ रहने के लिए रोजाना सूर्यनमस्कार करे। सूर्य नमस्कार को 11 से 21 बार तक अपनी शक्ति अनुसार कर सकते है। ऐसा कहा जाता है महाराणा प्रताप 251 सूर्य नमस्कार रोजाना करते थे।

Benefit of Surya Namaskar | सूर्य नमस्कार के फायदे

  • सूर्य नमस्कार के फायदे में सबसे महत्वपूर्ण फायदा ये है की यह एक सम्पूर्ण व्यायाम है , इस से पूरा शरीर शक्ति पूर्वक बन जाता है । सूर्य नमस्कार की विधि और लाभ
  • कमर और रीढ़ में आई खराबी को दूर करके लचीला बनता है
  • चर्म रोगो में लाभकारी है
  • शरीर को आकर्षक बनाने के लिए बहुत फायदेमंद है।
  • मानसिक बीमारिया दूर होती है, शरीर का तेज, ओज बढ़ता है।
  • मधुमेह में आराम मिलता है
  • रक्त संचार में सुधर होने से शरीर में नया जोश भर जाता है
  • कई लोग सोचते है के बॉडी बिल्डिंग योग द्वारा नहीं किया जा सकता पर सूर्यनमस्कार योग द्वारा पुरे शरीर की मासपेशियो को ताक़तवर बनाकर आकर्षक बनाया जा सकता है।
  • मोटापा कम होता है
  • पाचन क्रिया सुधरती है
  • सूर्य नमस्कार पुरे शरीर को निरोग बनाता है।

सूर्य नमस्कार कैसे करते है । How to do Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार के 12 आसान इस प्रकार है। Surya Namaskar ke 12 Asanas

1.प्रणाम आसन | Pranama-Asana Surya namaskar in Hindi

सूर्य के सामने मुँह करके सावधान स्थिति में खड़े हो जाए, अब हाथो को कोहनी से मोड़ते हुए और हाथ के पंजो को आपस में मिलाकर छाती के सामने रखे जैसे नमस्कार मुद्रा में हो। यह सूर्य नमस्कार का पहला आसन है।

2.हस्त उत्तानासन | Hast Uttanasana | Surya namaskar

सूर्य नमस्कार के दूसरे आसन में सांस अंदर भरकर दोनों हाथो को ऊपर उठाकर कमर से पीछे की और झुकाये , ध्यान रहे सिर्फ कमर से ऊपर का हिस्सा ही पीछे की और झुकाना है, और जितना संभव हो उतना झुकाये। अब सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य स्थिति में आये।
ये सूर्य नमस्कार का दूसरा आसन है।

3.पाद हस्तासन | PADA HASTASANA Surya namaskar

अब तीसरे आसन पाद हस्तानासन करेंगे, साँसों को बहार छोड़ते हुए दोनों हाथो को जमीं से स्पर्श करवाना है, संभव हो तो हथेलियों को जमीन से चिपका दे और मुँह को घुटनो पर टिका दे। येसूर्य नमस्कार की तीसरी अवस्था है।

4. अश्व संचालन आसन | ASHWA SANCHALAN ASANA | Suryanamaskar

अब चौथे आसन में बाएं पैर को उठाकर पीछे की और ले जाए , दाएं पैर को वही रखे दोनों हाथो के बीच में, सांस भरते हुए सर को ऊपर की और ले जाए, दोनों हाथ जमीन से चिपके हुए रहेंगे, घुटना छाती के के सामने रखना है, पैर की एड़ी जमीन पर टिकी रहे। आँखे खुली आसमान की और रहे,
इस प्रकार सूर्य नमस्कार का चौथा आसन पूर्ण हुआ।

5.पर्वतासन | Parvatasana Surya namaskar

सूर्यनमस्कार के पांचवे आसन में सांस को बाहर छोड़ते हुए दोनों पैरो को पीछे की और ले जाए, कमर और नितम्ब को उठा के सिर को झुकाकर दोनों हाथो के बीच रहे। हाथ के पंजे और पैर के पंजे जमीन से लगे रहे। सूर्य नमस्कार का पांचवा आसन समाप्त हुआ।

6.अष्टांग आसन | Astang asana Surya namaskar

छटी स्थिति में हाथो को पहले से रखे हुए स्थिति में ही रखे, छाती और घुटनो को जमीन से मिलाये, सांस सामान्य स्थिति में रहेगी ,इस आसन में दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, एक छाती, और एक सिर मिलकर आठ अंग जमीन पर टिकने से ये अष्टांग आसन पूर्ण होता है।

7.भुजंगासन | Bhujangasana Surya namaskar

सूर्य नमस्कार के सातवे आसन में सांस को अंदर लेकर छाती और सिर को ऊपर उठाना है, नज़ारे आसमान की तरफ रहेंगी।
इस प्रकार सातवा आसन समाप्त हुआ।

8.पर्वतासन | PARVATASANA | SURYA NAMASKAR

आठवीं स्थिति में पांचवे आसन “पर्वतासन” के सामान ही करना है।

9.अश्व संचालन आसन | Ashwa | Suryanamaskar

इस आसन में पूर्वलिखित आसन नंबर चार “अश्व संचालन आसन” की तरह करना है, बस पैर की स्थिति बदलनी है। बाएं पैर की जगह दाएं पैर को पीछे करना है और बाएं पैर को छाती से लगाना है।

10. पाद हस्तासन | Pada hastanasana | Surya namaskar

दसवीं स्थिति में तीसरी स्थिति की तरह ही आसन करना है।

11. Hast Uttanasana | हस्त उत्तानासन | Surya namaskar

ग्यारहवीं स्थिति में दूसरे नंबर के आसन ” पाद हस्तासन” के सामान ही आसन करना है

12.प्रणाम आसन | Pranama Asana Surya namaskar

बारहवीं स्थिति में पहले नंबर के आसन “प्रणाम आसन” के सामान ही करना है।

Surya Namaskar
Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार के 12 मंत्र | 12 Surya Namaskar Mantra

सूर्य नमस्कार करते समय निम्नलिखित मंत्र क्रम अनुसार बोलते है, और शुरू और आखिरी में एक-एक श्लोक बोला जाता है, जिस से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा के साथ आध्यात्मिक ऊर्जा का भी विकाश होता है।

सूर्य नमस्कार श्लोक

ॐ ध्येयः सदा सवितृ-मण्डल-मध्यवर्ती, नारायण: सरसिजासन-सन्निविष्टः।
केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी, हारी हिरण्मयवपुर्धृतशंखचक्रः ॥

सूर्य नमस्कार मंत्र | Surya Namaskar Mantra

  1. ॐ मित्राय नमः।
  2. ॐ रवये नमः।
  3. ॐ सूर्याय नमः।
  4. ॐ भानवे नमः।
  5. ॐ खगाय नमः।
  6. ॐ पूष्णे नमः।
  7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
  8. ॐ मरीचये नमः।
  9. ॐ आदित्याय नमः।
  10. ॐ सवित्रे नमः।
  11. ॐ अर्काय नमः।
  12. ॐ भास्कराय नमः।

ॐ श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः।

आदित्यस्य नमस्कारान् ये कुर्वन्ति दिने दिने।
आयुः प्रज्ञा बलं वीर्यं तेजस्तेषां च जायते ॥

Conclusion

अंत में, सूर्य नमस्कार एक शक्तिशाली योग अनुक्रम है जो कई शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। यह एक संपूर्ण कसरत है जो लचीलेपन, संतुलन और मुद्रा में सुधार करते हुए पूरे शरीर को टोन और मजबूत करने में मदद करती है। यह क्रम तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में भी मदद करता है, जबकि समग्र कल्याण और दिमागीपन को बढ़ावा देता है।

सूर्य नमस्कार एक बहुमुखी अभ्यास है जिसे फिटनेस और अनुभव के विभिन्न स्तरों के अनुकूल बनाया जा सकता है। शुरुआती कुछ राउंड के साथ शुरू कर सकते हैं और समय के साथ धीरे-धीरे संख्या बढ़ा सकते हैं, जबकि उन्नत चिकित्सक अपने अभ्यास को गहरा करने के लिए विविधताएं जोड़ सकते हैं या प्रॉप्स शामिल कर सकते हैं।

कुल मिलाकर, सूर्य नमस्कार एक समग्र अभ्यास है जो आपको अपने शरीर, सांस और दिमाग से जुड़ने में मदद कर सकता है। इस अभ्यास को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, आप जीवन शक्ति, स्पष्टता और आंतरिक शांति की अधिक समझ पैदा कर सकते हैं।

1. सूर्य नमस्कार क्या है?

सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योग आसन है जो सूर्य की पूजा के रूप में किया जाता है। इसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों को संजोड़ने वाले 12 आसन होते हैं, जो सेहत के लाभ के लिए जाने जाते हैं।

2. सूर्य नमस्कार कितनी बार किया जा सकता है?

आप सूर्य नमस्कार को रोज़ाना कर सकते हैं, लेकिन आपकी शारीरिक क्षमता और योग्यता के हिसाब से इसे बढ़ा या कम किया जा सकता है। शुरुआत में 12 सूर्य नमस्कार से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं।
महाराणा प्रताप 251 सूर्य नमस्कार रोजाना करते थे।

3. सूर्य नमस्कार के क्या लाभ हैं?

शारीरिक लाभ: सूर्य नमस्कार से शरीर के अंगों की मज़बूती बढ़ती है और संतुलित विकास होता है।
मानसिक स्वास्थ्य: योगाभ्यास से मानसिक चैतन्यता बढ़ती है और तनाव कम होता है।
श्वास तंतु का सुधार: सूर्य नमस्कार से श्वास तंतु को मजबूती मिलती है जिससे श्वास दुरुस्त रहता है।

4. सूर्य नमस्कार को कैसे करें?

सूर्य नमस्कार को सीधे और धीरे ढ़ीले हवाओं में करें।
प्रत्येक आसन को सही तरीके से करने के लिए ध्यान दें।
शारीरिक चुनौतियों का सामना करते समय धीरे-धीरे आगे बढ़ें।

5. सूर्य नमस्कार कब करें?

सूर्य नमस्कार सुबह के समय करना उचित है, खासकर सूर्योदय के समय में। इससे शरीर और मन को ऊर्जा मिलती है और दिन भर की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता मिलती है।

6. सूर्य नमस्कार के दौरान क्या ध्यान देना चाहिए?

सांस लेना: हर आसन के दौरान गहरी सांस लें और सांस को स्थिर रखें।
ध्यान: हर आसन को करते समय मानसिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित रखें।
सुरक्षा: आसनों को सही तरीके से करने के लिए सहायक होने वाले एक गुरु या योग इंस्ट्रक्टर के साथ करें।

7. कौन से लोग सूर्य नमस्कार कर सकते हैं?

सूर्य नमस्कार को कोई भी कर सकता है, लेकिन शारीरिक चुनौतियों या रोगों के मामले में एक चिकित्सक से सलाह लेना सुरक्षित होता है।

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